मौर्य वंश या मौर्य साम्राज्य महत्वपूर्ण तथ्य | Maurya Dynasty or Maurya Empire Important Facts

नमस्कार दोस्तों,

     आपका एक बार पुनः Oszbuddy के नए पोस्ट पर स्वागत हैं। आज हम इस पोस्ट में बात करने वाले हैं। "मौर्य वंश या मौर्य साम्राज्य (Maurya Dynasty or Maurya Empire Importnat Quesitons in Hindi)" के बारे में।

                  जैसा हम सभी जानते हैं प्राचीन भारत के इतिहास के संदर्भ में "मौर्य वंश या मौर्य साम्राज्य (Maurya Dynasty or Maurya Empire Important MCQs)" काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। और साथ ही साथ लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में "मौर्य वंश या मौर्य साम्राज्य " से संबंधित एक दो प्रश्न अवश्य जरूर पूछे जाते है। 

       


मौर्य वंश या मौर्य साम्राज्य महत्वपूर्ण तथ्य | Maurya Dynasty or Maurya Empire Important Facts 

            मौर्य वंश से संबंधित सभी शासकों के बारे में जैसे - बिंदुसार, अशोक और अशोक के अभिलेख, अशोक के अभिलेख आदि के बारे में और महत्वपूर्ण तथ्यों को पढ़ेंगे। 

 मौर्य वंश या मौर्य साम्राज्य महत्वपूर्ण तथ्य | Maurya Dynasty or Maurya Empire Important Facts 

                 "मौर्य वंश या मौर्य साम्राज्य (Maurya Dynasty or Maurya Empire)" के अशोक के 14 अभिलेखों में से एक न एक प्रश्न जरूर पूछे जाते है इसलिए आज हम मौर्य वंश से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य लेकर आए है।

                   

"मौर्य वंश" :- 

मौर्य राजवंश (321-185 ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली राजवंश था। मौर्य राजवंश ने 137 वर्ष भारत में राज्य किया। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है।

> चन्द्रगुप्त मौर्य: -

☞ इस वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य था।

☞ इसके गुरु का नाम चाणक्य था।

☞ चाणक्य का वास्तविक नाम - विष्णु गुप्त, कौटिल्य था।

☞ इसने अर्थशास्त्र नामक पुस्तक लिखी है और इस पुस्तक में राजनितिक सम्बन्धी बातो का उल्लेख्य किया गया है।

☞ मौर्य वंश की प्रचलित मुद्रा - पण थी।

☞ चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल में सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस निकेटर ने आक्रमण किया था।

☞ इस सैल्युकस निकेटर के राजपूत का नाम - मेगस्थनीज था। और मेगस्थनीज ने इंडिका नामक पुस्तक लिखी थी।

☞ सेल्यूकस निकेटर की पुत्री कार्नेलिया के साथ चंद्रगुप्त मौर्य में विवाह किया था।और इसने भारत के 8 महाजनपदों पर कब्ज़ा जमाया था।

☞ चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने जीवन के अंतिम समय में जैन धर्म को स्वीकार किया था

☞ इसकी मृत्यु श्रवणबेलगोला में उपवास के दौरान हो गई थी ।

☞ इसके बाद बिन्दुसार अगला शासक बना ।




> बिन्दुसार: -

☞ पुराणों में बिन्दुसार को - अमित्रघात, वारिसार, भद्रसार के नाम से जानते

☞ यह जैन धर्म का अनुयायी था।

☞ बिन्दुसार के शासन काल में तक्षशिला में विद्रोह हुआ था और इसने अशोक को विद्रोह दबाने के लिए भेजा था ।

☞ अशोक ने न केवल विद्रोह को शांत किया बल्कि वहाँ की प्रजा का प्रेम और विश्वास भी जीता।

☞ बिन्दुसार ने भारत के 10 महाजनपदों पर राज किया था , इसके बाद अशोक अगला शासक बना ।


> अशोक :-

☞ पूरे मौर्य वंश में अशोक सबसे महाप्रतापी शासक था, इसके शासन काल में शिलालेखों का प्रचलन बड़ा था।

☞ इन शिलालेखों की खोज सबसे पहले 1750 में फॅथेलर ने की थी और सबसे पहले 1837 में इसको जेम्स प्रिसेप ने इन शिलालेखों को पड़ा था।

☞ प्रारम्भ में तो अशोक जैन धर्म का अनुयायी था लेकिन बाद में कलिंग युद्ध में भरी मारकाट के बाद इसने शास्त्रों का त्याग कर दिया था ।

☞ और इसने गौतम बुद्ध के शिष्य उपगुप्त से बौद्ध धर्म की दिक्षा ली थी इस वंश का अंतिम शासक ब्रहद्रथ था।

Note: - अशोक देवानामप्रिय के नाम से विख्यात था।


> अशोक के 14 वृहद् शिलालेख एवं उनके विषय

पहला - पशुबलि की निन्दा, समाज में उत्सव का निषेध, सभी मनुष्य मेरी संतान की तरह हैं।

दूसरा - मनुष्यों एवं पशुओं हेतु चिकित्सा प्रबंध, लोक- कल्याणकारी कार्य; चेर  (केरलपुत्र), चोल, पाण्ड्य, सतियपुत्र तथा ताम्रपर्णी  (श्रीलंका) का उल्लेख ।

तीसरा - धम्म संबंधी नियम; युक्त, रज्जुक, प्रादेशिक की नियुक्ति तथा प्रति पाँचवें वर्ष दौरे का आदेश ।

चौथा - भेरी घोष की जगह धम्मघोष की घोषणा।

पाँचवां - धम्म महामात्रों की नियुक्ति के बारे में जानकारी।

छठा -  प्रतिवेदक की चर्चा, आत्मसंयम की शिक्षा।

सातवाँ - सभी सम्प्रदायों के लिए सहिष्णुता का उल्लेख।

आठवाँ - अशोक की धम्मयात्राओं का उल्लेख, बोधिवृक्ष के भ्रमण का उल्लेख।

नौवाँ - विभिन्न प्रकार के समारोहों की निन्दा, सच्ची भेंट व सच्चे शिष्टाचार की व्याख्या।

दसवाँ - ख्याति एवं गौरव की निन्दा, धरम्म नीति की श्रेष्ठता पर बल, राज कर्मचारियों को प्रजा के हितों की चिंता करने का आदेश।

ग्यारहवाँ - धम्म की विशेषता।

बारहवाँ - सर्वधर्म समभाव, स्त्री महामात्र की चर्चा।

तेरहवाँ - कलिंग युद्ध, पाँच सीमांत यूनानी राजाओं के नाम, पड़ोसी राज्यों तथा अपराध करनेवाली आटविक जातियों का उल्लेख।

चौदहवाँ - लोगों को धार्मिक जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा।

> अशोक के 7 स्तंभ लेख - ये 6 स्थानों से प्राप्त हुए हैं।


                      मौर्योत्तर काल

> शुंग वंश

☞ पुष्यमित्र शुंग मौर्य सेनापति था, जिसने मौर्य शासक वृहद्रथ की हत्या कर 184 ई. पू. में शुंग वंश की स्थापना की।

☞ शुंगों की राजधानी विदिशा थी। महाभाष्य के रचनाकार पतंजलि पुष्यमित्र के पुरोहित थे। अयोध्या शिलालेख के अनुसार पुष्यमित्र शुंग ने पंतजलि के नेतृत्व में दो अश्वमेध यज्ञ किए।


> कण्व वंश

☞ शुंग शासक देवभूति की 73 ई. पू. में हत्या कर उसके सेनापति वासुदेव ने कण्व वंश की स्थापना की।

☞ इस वंश के चार शासक हुए वसुदेव, भूमिमित्र, नारायण तथा सुशर्मन।


> कुषाण ( यू-ची) वंश

☞ कनिष्क 78 ई. में शासक बना। उसने पुरुषपुर पेशावर को राजधानी बनाया तथा राज्यारोहण के वर्ष से शक संवत् (78 ई.) चलाया, जिसे भारत सरकार द्वारा प्रयोग में लाया जाता है।

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